फरीदाबाद: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के दिशा निर्देश व पुलिस उपायुक्त साइबर जसलीन कौर के मार्गदर्शन के अंतर्गत सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अभिमन्यु गोयत के नेतृत्व में साइबर थाना बल्लबगढ़ व सेन्ट्रल की टीम ने दो फर्जी कॉल सेन्टर पर कार्रवाई करते हुए 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया ।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि 20 जुलाई को साइबर पुलिस सेन्ट्रल की टीम ने गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना पर सेक्टर-86 में स्थित एक फर्जी कॉल सेन्टर पर कार्रवाई करते हुए मौका से यश तनेजा, अविदीप व चिराग अरोड़ा को गिरफ्तार किया गया। मामले में आगे कार्रवाई करते हुए कॉल सेंटर की मालिक दीपिका अरोड़ा सहित अन्य आरोपी हेमंत तिवारी, लवी गुगलानी, एथिल गुलाटी, साहिल सोढ़ी को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले के मास्टर मांइड व कॉल जैनरेट करने वाले मुख्य आरोपी समीर श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। आरोपी समीर श्रीवास्तव को पूछताछ के लिए 5 दिन के पुलिस रिमांड पर है। इस प्रकार मामले में अब तक 9 आरोपियो को गिरफ्तार करके 5 लैपटॉप व 5 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके है।
इसी प्रकार 23 जुलाई को थाना साइबर बल्लबगढ़ व पुलिस चौकी सेक्टर-7 की संयुक्त टीम ने वाईएमसीए के पास एक प्लाट में बने फर्जी कॉल सेंटर पर कार्रवाई करते हुए मौके से पांच लड़कियों सहित 17 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से 45 लैपटॉप तथा 1 मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने बाद में दो अन्य आरोपी आपसन तथा कॉल सेंटर मैनेजर राकेश को दिल्ली से गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 2 मोबाइल फोन बरामद किए। इस प्रकार के मामले में कुल 19 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके है। कॉल सेंटर के संचालक गौरव अग्रवाल सहित 20 अन्य कॉलर की गिरफ्तार लम्बित है। जिनकी गिरफ्तरी के प्रयास जारी है जिनको जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
वारदात को कैसे देते थे अंजाम-
TECHNICAL SUPPORT के नाम पर कालिंग करके विदेशी नागरिकों को CUSTOMER SERVICE देने के नाम पर लोगो को के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम देते है। आरोपी फर्जी टोल फ्री नम्बर पर आने वाली कॉल को सुनते थे जो MICROSOFT, AMAZON, NETFLIX, I-OS, CASHAPP, PAYPAL की कस्टमर सर्विस देने के नाम पर अलग-अलग समस्या बताकर गुमराह करके उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस AnyDesk, Team Viewer, Ultra Viewer App. से लेकर उनको वास्तविक समस्या ना बताकर कस्टूमर को अन्य समस्या Personal information at risk, Multiple hackers connected, Connected device not secure, Financial information leaked, need security license activation, Order Cancel Refund etc. के बारे में बतलाकर, उस समस्य को दूर करने के नाम पर आरोपी ऑन लाइन रकम ट्रांसफर करवाते थे।