Pinaka Times, 17 Feb 2024; Faridabad: बिना काम के भुगतान में मशहूर रही सतबीर ठेकेदार और भास्कर की जोड़ी की चर्चा अभी बंद नहीं हुई कि नगर निगम में XEN ओम दत्त और उनके चहेते ठेकेदारों की चर्चा जोरों पर चलने लगी। कबीरा जब नगर निगम में गया तो उसने सुना कि यह अधिकारी अपने दो चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।
एक अन्य समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार XEN ओम दत्त सीधे तौर पर अपने चहेते ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर में तमाम तरीके की त्रुटियां डाल देते हैं। अखबार की माने तो अखबार ने यह भी कहा है कि ओम दत्त काफी ऐसा लंबे समय से करते आ रहे हैं। हाल फिलहाल में पिनाका टाइम्स द्वारा दिखाई खबर के बाद निगम कमिश्नर ने दोनों टेंडर कैंसिल कर दिए हैं, लेकिन बड़ा सवाल अभी भी खड़ा है कि आखिर जांच कब होगी।
निम्नलिखित सवालों का जवाब ढूंढेगी नगर निगम:
1. 1 जनवरी 2021 से 31 जनवरी 2024 तक डिवीजन 2 MCF द्वारा कितने टेंडर लगाए गए?
2. उक्त सभी टेंडर कितने-कितने मूल्य के थे अर्थात कितने का वर्क ऑर्डर हुआ था?
3. जो भी वर्क अलॉट हुआ वह किस कंपनी द्वारा लिया गया। उस फर्म का नाम क्या था?
4. अलॉट हुए टेंडरों में कितने काम पूर्ण हुए हैं और कितना कितना भुगतान किया जा चुका है?
5. क्या वह टेंडर सोसाइटी द्वारा लिए गए है या ओपन ठेकेदार के लिए भी थे?
6. जिस-जिस फार्म को काम मिला क्या वह उस काम को करने के लिए उपयुक्त थे?
7. क्या उनकी लिमिट के अंदर ही यह काम हुए हैं जिस फार्म ने काम लिया है।
8. उस फर्म ने और कितने काम, MCF द्वारा जारी किए गए टेंडर में किए हैं?
9. अभी हाल फिलहाल जो दो टेंडर कैंसिल किए गए, उन टेंडर्स को किस फर्म ने भरा था वह टेंडर कब भरे गए थे?
10. और ऐसे कितने टेंडर है जिसपर ऊपर कुछ और अंदर कुछ और था। क्या इसकी जांच की गई?
11. क्या सिर्फ टेंडर कैंसिल करना काफी था?
12. क्या BP INDIA नामक फर्म ने कोई सोसाइटी बना रखी है?
13. अगर बना रखी है तो उस सोसाइटी में और कितनी फर्म है?
14. टेंडर नोटिस कब जारी किया गया?
15. क्या टेंडरों में नेगोसिएशन की गई?
16. क्या किसी टेंडर में एन्हासमेंट की गई?
17. क्वालिटी टेस्ट की रिपोर्ट?
18. फाइनल बिल का भुगतान कितना और कब कब किया गया?
हालांकि कबीरा को और भी चर्चाएं सुनने को मिली, लेकिन इसमें सबसे प्रमुखता से बीपी इंडिया का ही नाम सामने आया। यह ठेकेदार लगभग वही ठेके लेता है जिसका टेंडर XEN ओम दत्त द्वारा लगाया गया हो। नगर निगम से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि यदि मामले की सही से जांच हो जाए तो प्रत्येक टेंडर में कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ गड़बड़झाला जरूर निकलेगा। हालांकि इसे स्पष्ट रूप से घोटाला भी नहीं कहा जा सकता। परंतु अपने चहेते ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए जरूर नियमों को ताक पर रखा गया है। ऐसा उक्त व्यक्ति का कहना था। वहीं अगर निगम ने दोनो टेंडर कैंसिल कर दिए हैं तो क्या इस बात की जांच की गई कि क्या इससे पहले ऐसा नहीं किया गया और आखिर ऐसी क्या खास बात है कि XEN ओम दत्त द्वारा लगाए गए टेंडर्स को बीपी इंडिया ही सबसे ज्यादा लेती है। अगली कड़ी में बताएंगे कि आखिर वह दूसरा ठेकेदार कौन है जो पानी के नाम पर पी गया तमाम रकम, खैर इन सब बातों से कबीर को क्या, कबीर तो यही कहेगा कि प्रकृति सभी का पेट भरने के लिए सक्षम है किंतु लालच का पेट प्रकृति भी नहीं भर सकती।