जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। इसी बीच अदालत की बत्ती गुल हो गई। इस बात पर भड़के न्यायाधीश ने हाईकोर्ट की स्थिति को दयनीय करार दे दिया। अदालत ने इस संबंध में ज्यूडिशियल नोट भी जारी कर दिया है और मुख्य सचिव से मामले में दखल देने के लिए कहा है। खबर है कि जम्मू और कश्मीर के कुछ इलाकों में सर्दियों के महीनों में बिजली की कमी से जूझ रहा है।
जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस मोक्ष खजूरिया काजमी की डिवीजन बेंच ने पाया कि कटौती सुबह 9 बजकर 30 मिनट पर हुई थी, जो 11 बजकर 28 मिनट तक भी बहाल नहीं हो सकी थी। कोर्ट में कश्मीर विश्वविद्यालय से जुड़े एक मामले की सुनवाई चल रही थी। इस संबंध में कोर्ट की तरफ से मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सुझाव भी दिए गए हैं।
बेंच ने कहा, अदालत के कामकाज के समय दिन में अंधेरा छा गया। इस दौरान स्थिति इतनी खराब थी कि जेनरेटर भी काम नहीं कर रहा है, कोई रोशनी नहीं है, एयर हीटिंग यूनिट (एएचयू) भी काम नहीं कर रही है। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय के श्रीनगर विंग की यह स्थिति दयनीय है। बेंच का कहना है बिजली संकट को दूर करने के लिए एक स्थायी समाधान की आवश्यकता है।
कोर्ट ने मुख्य सचिव से इस संबंध में जरूरी निर्देश जारी करने के लिए कहा है। कोर्ट ने कहा, ‘समाधान कई हो सकते हैं जैसे उच्च न्यायालय के लिए एक अलग बिजली लाइन की व्यवस्था हो जिसमें बिजली जाने जैसी कोई समस्या नहीं आए और इसके साथ अदालत के कामकाज को प्रभावित होने से बचाने के लिए जनरेटर के साथ ही एयर हीटिंग यूनिट के बीच बगैर रोक टोक संचालन की व्यवस्था होनी चाहिए।’
NEWS SOURCE : livehindustan