प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह ही अपने आला अफसरों के साथ बड़ी बैठक करके जनहित के कार्यों की समीक्षा कर सकते हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम आने से पहले ही पीएम मोदी ने अधिकारियों को पहले 100 दिन का अजेंडा तैयार करने का काम सौंप दिया था। अब बारी है सरकार को काम करके दिखाने की। अधिकारियों के साथ बैठक में जनहित की योजनाओं और आखिरी व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाने को लेकर चर्चा हो सकती है। वहीं सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी विभागवार भी 125 दिनों के अजेंडे की समीक्षा कर सकते हैं। इसमें अंत्योदय के सिद्धांत पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जा सकता है।
वहीं 17 अक्टूबर 2016 को भी इसी तरह की बैठक हुई थी जिसमें मंत्री भी मौजूद थे। 5 जून 2017 की बैठक में पीएम मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जीएसटी को पूरी शक्ति के साथ लागू किया जाए। दूसरे कार्यकाल में 10 जून 2019 को पीएम मोदी ने बैठक बुलाई थी और नई सरकार कें अजेंडे को लागू करने के निर्देश दिए थे। मामले के एक जानकार ने बताया, इस बार महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों पर आधारित गुड गवर्नेंस पर चर्चा की उम्मीद है। वहीं 80 करोड़ लोगों को फ्री राशन पहुंचाने पर भी फोकस रहेगा। अनाज, खाने के तेल, दालों और सब्जियों की महंगाई पर भी चर्चा हो सकती है।
स्वास्थ्य, शिक्षा, हाउसिंग, पीने के पानी के फ्लैगशिप प्रोग्रामी की भी समीक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री मोदी विभागों से अपने काम की टाइमलाइन फिक्स करने को कह सकते हैं। इसके अलावा कैबिनेट सेक्रेटरी या पीएमओ विभागों के कामों पर लगातार नजर रखेगा। इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना कोभी शामिल किया जा सकता है।
NEWS SOURCE : livehindustan