नई दिल्ली: उपराज्यपाल के पत्र पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी एलजी को जवाबी पत्र भेजा है। एलजी के पत्र का जवाब देते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाएं और कार्यक्रम तब से प्रभावित हुए हैं और जब से आप ने राजधानी के उपराज्यपाल के रूप में पदभार संभाला है, तब से अधिकारियों ने फाइलों को मंजूरी देना बंद कर दिया है।
देर शाम सक्सेना को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा कि उन्हीं अधिकारियों ने दिल्ली सरकार के स्कूलों और अस्पतालों को बेहतर बनाने, मोहल्ला क्लीनिक स्थापित करने, अनधिकृत कालोनियों में पाइपलाइन बिछाने और बसों में मार्शल तैनात करने में मदद की, जो अब सार्वजनिक कार्यों को रोक रहे हैं।
दो वर्षों से नहीं बदले गए अधिकारी
उन्होंने कहा कि पिछले दो वर्षों में बड़े पैमाने पर अधिकारियों को नहीं बदला गया है, लेकिन जब से आपने एलजी का पद संभाला है, वही अधिकारी अब जनहित के कामों को रोक रहे हैं। केजरीवाल ने दावा किया कि अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि निर्वाचित सरकार के साथ सहयोग करने पर उन्हें एलजी द्वारा सतर्कता जांच, अनुशासनात्मक कार्रवाई, निलंबन, सीबीआइ जांच और ईडी की गिरफ्तारी की धमकी दी जा रही है।
क्या बोले सीएम केजरीवाल
केजरीवाल ने कहा कि आपने इन आरोपों का जोरदार खंडन किया है और कहा है कि आपने कभी किसी अधिकारी को जनहित के काम रोकने के लिए नहीं कहा है, लेकिन जब आप कार्रवाई नहीं करते हैं, तो मेरे मन में संदेह पैदा होता है कि क्या ये अधिकारी आपके निर्देशों के तहत काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यह सोचने पर मजबूर हूं कि क्या आम आदमी पार्टी (AAP) को बदनाम करने और केंद्र सरकार में सत्ता में मौजूद भाजपा के हितों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार का काम ठप किया जा रहा है, जिसने आपको नियुक्त किया है।
केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा है कि आप कहते हैं कि जल विधेयक कैबिनेट नोट का मामला आपके ध्यान में कभी नहीं लाया गया।सीएम ने इसके जवाब में कहा कि मैंने स्वयं इस विषय पर आपसे एक से अधिक बार चर्चा की है और आपके संज्ञान में लाया है कि दिल्ली जल बोर्ड, शहरी विकास विभाग और वित्त विभाग के अधिकारी प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद भी इसके प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद में न लाकर संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं।
सीएम ने कहा कि अक्टूबर से दिसंबर 2022 तक मोहल्ला क्लीनिक में दवाएं और जांचें बंद कर दी गईं। 1993 में जीएनसीटीडी के गठन के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों में दवाओं और परीक्षणों को रोकना पहली बार हुआ है। सीएम ने कहा कि सितंबर 2023 से फरवरी 2024 तक अस्पतालों में ओपीडी काउंटरों पर कोई स्टाफ नहीं था। मेरी बगैर जानकारी में सभी डेटा एंट्री आपरेटरों को बर्खास्त कर दिया गया है, जो सरकारी अस्पतालों में ओपीडी काउंटरों पर स्टाफ कर रहे थे।
पूरी दिल्ली में सीवर ओवरफ्लो हो रहे हैं, क्योंकि पिछले सात महीनों से दिल्ली जल बोर्ड को फंड जारी नहीं किया गया है।वित्त विभाग दिल्ली हाई कोर्ट के आदेशों को भी मानने से इनकार कर रहा है, जिसने उन्हें फंड जारी करने का निर्देश दिया है। सीएम ने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2015 से बसों में बस मार्शल तैनात किए गए।
इसी तरह डीटीसी पेंशनभोगियों को मई से दिसंबर 2023 तक पेंशन नहीं मिली क्योंकि वित्त विभाग ने इसके लिए धनराशि रोक ली थी। उन्होंने कहा कि कहानी यहीं नहीं रुकती है, पिछले दो सालों में ऐसे कई और मुद्दे सामने आए हैं, चाहे वह अधिकारियों द्वारा भुगतान न करने के कारण स्मॉग टावर का बंद होना हो या हजारों सिविल डिफेंस वालंटियर्स की बर्खास्तगी हो। सीएम ने कहा कह मैं एक बार फिर दोहराऊंगा कि दिल्ली में निर्वाचित सरकार बनने के बाद यह सब पहली बार हो रहा है। केजरीवाल ने एलजी के सभी सवालों का जवाब देते हुए एलजी के पत्र की भाषा पर आपत्ति जताई है।
NEWS SOURCE : jagran