चंडीगढ़ः सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद मनोहर लाल ने कहा कि पार्टी की नए लोगों को नई जिम्मेदारी देने की नीति रही है। इसी के तहत हरियाणा में भी परिवर्तन किया गया है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में नए चेहरों को मौका चुनाव के बाद दिया गया है। यहां चुनाव से पहले बदलाव कर दिया गया। पार्टी की नीति रही है कि नए लोगों को नई जिम्मेदारी दी जाए। ये फैसला काफी समय पहले ही हो चुका था, हालांकि वहां पर चुनाव के बाद नई जिम्मेदारी दी गई थी।
जजपा से गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा का पहले से 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने का फैसला था। इस बारे में जजपा ने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के सामने अपनी मांग रखी। इस पर पार्टी ने पहले ही तय कर दिया गया था कि वह दसों सीट पर लड़ेंगे। इसके बाद जजपा ने खुद से अपना फैसला लिया होगा। इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। मगर अब सुनने में आया है कि वह अलग से लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
इस दौरान सीएम ने नायब सिंह सैनी की पुरानी यादों को साझा करते हुए बताया कि वह उनके बहुत पुराने साथी हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने 1994 में पार्टी के संगठन काम संभाला तो डेढ़ साल बाद जब पीएम मोदी हमारे प्रदेश के प्रभारी बने तो उसी समय कार्यालय में काम करने के नाते नायब सिंह सैनी मेरे पास आए थे। उनके साथ मिलकर कंप्यूटर व टाइपिंग व ऑफिस के कार्य किए। इस दौरान उनका काफी विकास हुआ। 2014 में चुनाव के दौरान पार्टी ने उन्हें सफल कार्यकर्ता के तौर पर टिकट दिया और चुनाव जीत कर आए।