हरियाणा सरकार में नेतृत्व परिवर्तन के बाद कैबिनेट के समीकरण भी बिगड़ गए हैं। हालांकि अभी तक केवल पांच ही विधायकों को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। मंत्रियों के आठ पद खाली हैं। अहीरवाल में मंत्री पद को लेकर बड़ा पेच फंसा हुआ है। नारनौल से विधायक ओमप्रकाश यादव मनोहर कैबिनेट में राज्य मंत्री थी, लेकिन उन्हें दोबारा अभी तक कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।
माना जा रहा है कि ओपी यादव की एंट्री के काफी कम आसार हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नांगल-चौधरी विधायक अभय सिंह यादव को कैबिनेट में जगह देना चाहती है, लेकिन केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह (Rao Inderjeet Singh) की पसंद-नापसंद को भी इग्नोर नहीं किया जाएगा। अहीरवाल (Ahirwal Region) में इंद्रजीत सिंह का असर है। वहीं, दूसरी ओर पार्टी महिला कोटे पर भी मंथन कर रही है।
मनोहर कैबिनेट में कलायत विधायक कमलेश ढांडा (Kamlesh Dhanda) को महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री बनाया हुआ था। मंगलवार को कमलेश ढांडा की भी ओथ नहीं हुई। ऐसे में बहुत संभव है कि महिला के रूप में किसी नये चेहरे को कैबिनेट में जगह मिले। ऐसे में गन्नौर विधायक निर्मल रानी की लॉटरी लग सकती है। वे महिला भी हैं और जाट कोटे को भी पूरा करती हैं।
ऐसे में निर्मल रानी को पार्टी कमलेश ढांडा की जगह रिप्लेस कर सकती है। वैश्य कोटे से भी कैबिनेट में एक मंत्री बनाया जाना तय है। मनोहर सरकार में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री रहे डा कमल गुप्ता को अगर रिपीट नहीं किया जाता तो उनकी जगह पंचकूला (Panchkula News) विधायक ज्ञानचंद गुप्ता (Gyanchand Gupta) का नंबर लग सकता है।
गुप्ता वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष हैं। वैश्य विधायकों के रूप में गुरुग्राम से सुधीर सिंगला, फरीदाबाद से नरेंद्र गुप्ता और पलवल से दीपक मंगला भी हैं। मूलचंद शर्मा (Moolchand Sharma) के कैबिनेट मंत्री बनने के बाद नरेंद्र गुप्ता और दीपक मंगला के कम ही आसार हैं।
ऐसा इसलिए भी क्योंकि फरीदाबाद सांसद कृष्णपाल गुर्जर (Krishanpal Gurjar) मोदी कैबिनेट में पहले से शामिल हैं। पार्टी मंत्रियों के फैसले को लेकर जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को भी साधने की कोशिश में है। फिलहाल चूंकि सरकार निर्दलीयों के सहारे है।
जजपा विधायक भी बन सकते मंत्री
इस तरह की भी खबरें हैं कि भाजपा सरकार (Haryana BJP) जजपा विधायकों (JJP News) में से भी किसी को कैबिनेट में शामिल कर सकती है। जजपा के पांच विधायक खुलकर सरकार के साथ हैं। सरकार अगर चाहे तो किसी भी विधायक को कैबिनेट में शामिल कर सकती है।
माना जा रहा है कि टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली (Devendra Singh Babli) को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ऐसा इसलिए भी क्योंकि यहां से भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुभाष बराला को पार्टी पहले ही राज्यसभा में भेज चुकी है। ऐसे में अगले चुनावों में देवेंद्र बबली को टोहाना से भाजपा प्रत्याशी बनाया जा सकता है।
NEWS SOURCE : punjabkesari