केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के उस बयान पर बात की, जिसमें उन्होंने कहा था कि शरणार्थियों को नागरिकता देने से चोरी और बलात्कार बढ़ेंगे। इस पर उन्होंने कहा, “भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अपना धैर्य खो बैठे हैं…” उन्हें नहीं पता कि ये सभी लोग पहले ही भारत में आ चुके हैं और रह रहे हैं। अगर उन्हें इतनी ही चिंता है तो बात क्यों नहीं करते बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में या रोहिंग्याओं का विरोध? वह वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं… वह विभाजन की पृष्ठभूमि भूल गए हैं और उन्हें शरणार्थी परिवारों से मिलना चाहिए।’
साथ ही एक्ट के लागू होने पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ”अल्पसंख्यकों या किसी अन्य व्यक्ति को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है.” शाह ने कहा, “सीएए केवल अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को अधिकार और नागरिकता देने के लिए है।” विपक्ष के इस आरोप पर कि बीजेपी CAA के जरिए नया वोट बैंक बना रही है, गृह मंत्री ने कहा, ‘विपक्ष के पास कोई और काम नहीं है, वो जो कहते हैं वो कभी करते नहीं.’ “उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना भी हमारे राजनीतिक फायदे के लिए था। हम 1950 से कह रहे हैं कि हम अनुच्छेद 370 को हटा देंगे।”