दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को बिना तोड़-फोड़ के ही पक्का करने पर काम चल रहा है। इसके तहत निगम ने उन तीन कॉलोनियों के रोड नेटवर्क प्लान पर सुझावों को एकत्रित करके पढ़ लिया है, जिसमें नागरिकों से राय मांगी गई थी।
निगम के अनुसार पूर्वी दिल्ली के ईस्ट आजाद नगर, दक्षिणी दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन और उत्तरी दिल्ली की स्वरूप नगर कॉलोनी के लिए रोड नेटवर्क प्लान सार्वजनिक किया था। इस पर लोगों से राय मांगी गई थी, जिसमें 140 के करीब सुझाव आए हैं। अब इन सुझावों को निगम ले आउट स्क्रूटनी कमेटी और फिर स्थायी समिति की मंजूरी के लिए भेजेगा। खास बात यह होगी कि इन कॉलोनियों को नियमित करने और सड़कों को चौड़ी करने के लिए कोई तोड़-फोड़ नहीं होगी। बस नियम यह बना दिया जाएगा कि इस कॉलोनी में जो भी नक्शा पास होगा वह स्वीकृत रोड नेटवर्क प्लान के हिसाब से ही होगा।
इस वजह से गलियों को नहीं तोड़ा जा सकता…
दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया कि कॉलोनियों को जैसा है वैसे के आधार पर नियमित करने की योजना है। इतनी आबादी है कि इनकी गलियों को तोड़कर बड़ा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में हम इस योजना पर कार्य कर रहे हैं कि तय नियमों के अनुसार गलियों की चौड़ाई को लागू करने के लिए सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आ रही संपत्तियों को फिलहाल न तोड़ें।
आने वाले वर्षों में जब लोग मकान बनाने के लिए अनुमति लेने आएंगे तो सड़क चौड़ीकरण के दायरे में आ रही उतनी संपत्ति को छोड़कर ही नक्शा पास करेंगे। ऐसे में समय के साथ-साथ यह कॉलोनियां नियमानुसार बन जाएगी।
सड़क की चौड़ाई छह मीटर करने पर आपत्ति
अधिकारी ने बताया कि रोड नेटवर्क प्लान में सर्वाधिक सुझाव खिड़की एक्सटेंशन की कॉलोनी से आए हैं जबकि ईस्ट आजाद नगर और स्वरूप नगर से भी सुझाव आए हैं। खिड़की एक्सटेंशन के लोगों ने न्यूनतम सड़क की चौड़ाई छह मीटर करने पर आपत्ति जाहिर की है जबकि ईस्ट आजाद नगर के लोगों ने कहा कि जो प्रस्तावित प्लान था उसमें एक गली पहले से ही नियमित है तो उसे इसमें शामिल क्यों किया गया है।
वहीं, इस योजना के अमल में आने पर दिल्ली की दो हजार के करीब अनधिकृत कॉलोनियों के नियमित होने का रास्ता खुल सकता है। उल्लेखनीय है दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने यह नए ले आउट प्लान के तहत रोड नेटवर्क प्लान (आरएनपी) एसपीए (योजना तथा वास्तुकला विद्यालय) से कराया है। उसे दिल्ली नगर निगम को लागू करने के लिए कहा गया है। इन कॉलोनियों को नियमित करने के लिए मास्टर प्लान के अनुरूप व्यवस्था करनी थी, जिसमें कम से कम आपात स्थिति में दमकल और अन्य एजेंसियों के वाहनों की आवाजाही हो सके। इसके लिए न्यूनतम छह मीटर से लेकर नौ मीटर और 12 मीटर सड़कों को चौड़ा करने का प्रस्ताव किया गया था।
NEWS SOURCE : jagran