हरियाणा में छह लोकसभा सीटों पर सबसे पहले उम्मीदवार घोषित करने वाली भाजपा चार लोकसभा सीटों (Lok sabha Election 2024) के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने को लेकर बुरी तरह से उलझ गई है। भाजपा इन चारों सीटों पर जातीय समीकरणों का संतुलन नहीं साध पा रही है। भाजपा (Haryana BJP) की निगाह कांग्रेस द्वारा घोषित किए जाने वाले टिकटों पर टिकी हुई है, ताकि उनके हिसाब से कुरुक्षेत्र, हिसार, रोहतक और सोनीपत लोकसभा सीटों पर बाकी बचे चारों उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जा सकें। इन सीटों पर जाट, सिख, वैश्य और बीसी-ए उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर सामंजस्य बैठाना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है।
भाजपा ने अंबाला में बंतो कटारिया के रूप में एससी, करनाल में मनोहर लाल (Manohar Lal) के रूप में पंजाबी, गुरुग्राम (Gurugram News) में राव इंद्रजीत (Rao Indrajit Singh) के रूप में ओबीसी और फरीदाबाद (Faridabad News) में भी कृष्णपाल गुर्जर (Krishnapal Gurjar) के रूप में ओबीसी उम्मीदवारों को चुनावी रण में उतारा है। भिवानी-महेंद्रगढ़ (Bhiwani-Mahendragarh) में धर्मबीर सिंह के रूप में जाट तथा सिरसा में डा. अशोक तंवर के रूप में एससी प्रत्याशियों पर भाजपा ने दांव खेला है। अब भाजपा सिख, बीसी-ए और वैश्य के साथ एक जाट को और टिकट देना चाहती है, ताकि टिकटों के आवंटन में सभी जातियों को भरपूर प्रतिनिधित्व मिल सके। इस पर व्यापक मंथन चल रहा है। भाजपा का प्रांतीय नेतृत्व हालांकि अपनी पसंद-नापसंद से केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा चुका है, लेकिन फिर भी उम्मीदवारों की घोषणा पर पेंच फंसा हुआ है।
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 22 मार्च को होने की संभावना है, जिसमें हरियाणा की बाकी बची चारों सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा संभव है। रोहतक में मौजूदा सांसद डा. अरविंद शर्मा (ब्राह्मण) का टिकट लगभग तय है। भाजपा यहां से फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा को चुनाव लड़वाना चाहती थी, मगर रणदीप हुड्डा द्वारा चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिए जाने की सूचना है। रणदीप हुड्डा नहीं चाहते थे कि वे कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा (Deepender Singh Hooda) के सामने चुनाव लड़ें, क्योंकि हुड्डा परिवार से रणदीप हुड्डा के अच्छे संबंध हैं। इसलिए उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है।
सोनीपत में वैश्य और ब्राह्मण दावेदारों में टक्कर
सोनीपत में पूर्व मंत्री कविता जैन (वैश्य), पहलवान योगेश्वर दत्त (ब्राह्मण) और विधायक मोहन बडौली (ब्राह्मण) के नाम मजबूत दावेदारों में शामिल हैं। रोहतक में यदि भाजपा ब्राह्मण को टिकट देती है तो सोनीपत में वैश्य के रूप में कविता जैन की सबसे मजबूत दावेदारी बनती है। उनके पति राजीव जैन सीएम के मीडिया सलाहकार रह चुके हैं। सबसे अधिक दिलचस्प सीट कुरुक्षेत्र है। भाजपा यहां से पूर्व सांसद नवीन जिंदल अथवा उनकी धर्मपत्नी शालू जिंदल को चुनाव लड़वाना चाहती थी, मगर जिंदल परिवार की ओर से चुनाव लड़ने से इन्कार कर दिया गया है। ऐसे में कुरुक्षेत्र सीट पर वैश्य के साथ रोड और सिख की दावेदारी बढ़ गई है।
हिसार, रोहतक, कुरुक्षेत्र व सोनीपत सीट पर होना है फैसला
हिसार (Hisar News) में जाट और गैर जाट के फेर में टिकट का पेंच फंसा हुआ है। सांसद बृजेंद्र सिंह के पार्टी छोड़ने के बाद यहां विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा (बीसी-ए), कैप्टन अभिमन्यु (जाट) और पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई (गैर जाट) के नाम मजबूत दावेदारों में शामिल हैं। पार्टी अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंची कि बीसी-ए, जाट और गैर जाट में किस पर दांव खेला जाए। यहां तीनों उम्मीदवार मजबूत हैं। सोनीपत (Sonipat News) में वैश्य और ब्राह्मण उम्मीदवार पर फैसला नहीं हो पा रहा है। मौजूदा सांसद रमेश कौशिक का टिकट कटने की पूरी संभावना है। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) से पहले उनकी एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल होने का नुकसान रमेश कौशिक को उठाना पड़ सकता है।
कुरुक्षेत्र में रोड और सिख दावेदारों में रस्साकसी
कुरुक्षेत्र (Kurukshetra News) में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष वेदपाल एडवोकेट (रोड) टिकट के प्रबल दावेदारों में शामिल हैं। पार्टी ने यदि किसी सिख को टिकट देना चाहा तो यहां भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और असंध के पूर्व विधायक स. बख्शीस सिंह के नाम मजबूती से लिए जा रहे हैं। वैश्यों में करनाल की मेयर रेणुबाला गुप्ता का नाम भी टिकट के लिए लिया जा रहा है। उनके पति बृज गुप्ता सुलझे हुए राजनीतिक हैं। रेणुबाला और बृज गुप्ता के परिवार की गिनती गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज के साथ पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समर्थकों में होती है। कुल मिलाकर 22 मार्च के बाद भाजपा इन चारों सीटों पर अपने पत्ते खोलेगी।
NEWS SOURCE : jagran