हमारे बचपन और आजकल के बच्चों के बचपन में जमीन-आसमान का अंतर आ चुका है। पहले बच्चे स्कूल खत्म होने के बाद एक साथ बाहर गलियों में निकलकर खेलते-कूदते थे (Outdoor Playing)। धूप में खेलने के लिए मां से डांट जरूर सुननी पड़ती थी, लेकिन खेलने का आनंद ही कुछ ऐसा होता था कि खुद को रोक नहीं पाते थे। अब गलियों में ऐसे नजारे शायद ही देखने को मिलते हैं। बच्चे ज्यादातर अब अपने घरों में ही घुसे रहते हैं। वे खेलते जरूर हैं, लेकिन विडियो गेम्स। टाइम पास या मनोरंजन के लिए उनके पास अब टीवी और कंप्यूटर मौजूद हैं। तकनीक के इस विकास की वजह से बाहर निकलकर दूसरे बच्चों के साथ खेलने की प्रथा खत्म हो चुकी है। अब दोस्त एक दूसरे को खेलने के लिए बुलाते नहीं है, वे ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर अपने घर बैठे-बैठे ही एक दूसरे के साथ खेल लेते हैं। इन वजहों से बच्चों की शारीरिक ही नहीं बल्कि, मानसिक और सामाजिक विकास में भी रुकावट हो सकती है। इसलिए इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं कि क्यों आपको अपने बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
विटामिन-डी मिलता है
दिन के समय बाहर खेलने से बच्चों को धूप में समय बिताने का मौका मिलता है, जिससे उन्हें विटामिन-डी मिलता है। विटामिन-डी शारीरिक और मानसिक स्वास्थय के लिए काफी आवश्यक होता है। इसलिए बाहर खेलने से इस जरूरी विटामिन की कमी से बचाव मिलता है।
एक्सरसाइज होती है
बच्चे जब घर से बाहर निकलकर खेलते हैं, तो वे फिजिकली एक्टिव बनते हैं। दूसरे बच्चों के साथ भागने दौड़ने से उनकी बॉडी की एक्सरसाइज होती है, जो उनके स्वास्थय के लिए काफी फायदेमंद होती है। इससे उनकी इम्युनिटी भी मजबूत बनती है।
मोटापे से बचाव
बाहर खेलने से चाइल्डहुड ओबेसीटी (Childhood Obesity) यानी बचपन के मोटापे से बचाव मिलता है। बाहर खेलने से उनकी बॉडी का एक्सट्रा फैट बर्न होता है, जिससे उनका वजन नियंत्रित रहता है।
तनाव कम होता है
बच्चों पर आजकल पढ़ाई का काफी दबाव रहता है, जिसके कारण वे अक्सर तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में दूसरे बच्चों के साथ बाहर खेलने से उनका मानसिक तनाव कम होगा और उनकी मेंटल हेल्थ दुरुस्त रहेगी।
सामाजिक रिश्ते बनाना सीखते हैं
बाहर खेलते समय वे दूसरे बच्चों से मिलते हैं, बातचीत करते हैं और उनके साथ खेलते हैं। इन कारणों से उनमें दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करना है और समाज में कैसे खुद को प्रदर्शित करना है, यह समझ में आता है। इन स्किल्स की मदद से वे नए दोस्त भी आसानी से बना पाते हैं।
मोटर स्किल्स बेहतर होती है
बच्चों के बेहतर विकास के लिए उनके मोटर स्किल्स का बेहतर होना जरूरी है। इससे संतुलन बनाने, चलने-फिरने जैसी कई रोजमर्रा की एक्टिविटीज शामिल हैं। बाहर खेलने से ये स्किल्स बेहतर बनते हैं।
बेहतर नींद आती है
बाहर खेलने जाने से बच्चे फिजिकल एक्टिविट बनते हैं, जिससे उनकी एनर्जी खर्च होती है और तनाव भी कम होता है। इन दोनों कारणों से बच्चों की नींद बेहतर होती है। थकान दूर करने और मेंटल स्ट्रेस कम होने की वजह से बच्चे सुकून भरी गहरी नींद ले पाते हैं।
क्रिएटिविटी बढ़ती है
बाहर खेलते समय बच्चे नई चीजें देखते हैं और दूसरे बच्चों से बात करने से भी उन्हें नई बातें और विचारों के बारे में पता चलता है। इससे उनकी सोचने की क्षमता बढ़ती है और वे कई नई चीजों की कल्पना कर पाते हैं और उनकी रचनात्मकता में बढ़ोतरी होती है।
NEWS SOURCE : jagran