(Lok Sabha Election 2024) लोकसभा सीट बलिया बिहार से सटी है। इस सीट पर भाजपा हर बार नए चेहरे को उतार कर सियासी परिदृश्य बदल देती है। इस बार फिर भाजपा ने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को टिकट देने की बजाए राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा यहां पहली बार 2014 में में अपना परचम लहराया था। उसके बाद से हर बार उम्मीदवार बदलकर ही लोकसभा चुनाव में दमदारी से जोर लगाया है। 2014 में भाजपा से भरत सिंह चुनाव जीते थे, लेकिन 2019 के चुनाव में उनका टिकट भी पार्टी का काट दी। वीरेंद्र सिंह मस्त को प्रत्याशी बनाया।
भाजपा ने रामकृष्ण को सिर्फ दो बार दिया मौका
अतीत में जाएं तो प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के जमाने में भी भाजपा चेहरा बदलकर मजबूत दांव लगाने में पीछे नहीं रही। भाजपा के सिर्फ एक उम्मीदवार रामकृष्ण उर्फ गोपाल को 1998 और 1999 में दो चुनाव लड़ने का मौका मिला। उसके बाद से भाजपा उम्मीदवारों का चेहरा बदलती रही है। इस सीट पर चंद्रशेखर के खिलाफ 2004 में भाजपा ने परमानंद तिवारी को चुनाव लड़ाया था। पराजय मिलने के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर के मनोज सिन्हा को भाजपा ने उतारा, लेकिन उस समय की सियासी दौड़ में भाजपा सफल नहीं हो सकी। 2014 के चुनाव से भाजपा इस सीट पर मजबूती की एहसास कराने लगी। इस बार के चुनाव में भाजपा हैट्रिक लगाने के लिए सियासी बिसात बिछा रही है। वहीं आइएनडीआइए भी मजबूत दांव लगाने की तैयारी में है। 2019 के चुनाव में बसपा व सपा गठबंधन होने से लड़ाई कांटे की थी। इसके बावजूद भाजपा के वीरेंद्र सिंह मस्त को 4,69,114 मत मिले थे, वहीं सपा के सनातन पांडेय को 4,53,595 मत प्राप्त हुए थे। जीत का अंतर मात्र 15,519 मत का था।
NEWS SOURCE : jagran