राजधानी दिल्ली के सौ से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के बाद परिसर आधे घंटे में ही खाली करा लिए गए। इसकी वजह पहले से ही स्कूलों की मुस्तैदी थी। लगातार धमकी भरे फोन, मेल और पत्र आने के बाद स्कूल सतर्क हो गए थे। बीते 17 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय ने भी दिशा-निर्देश जारी कर, स्कूलों को ऐसे हालातों से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा था और जरूरी इंतजाम करने की सलाह दी थी।
स्पैम फोल्डर में आया था ई-मेल
नेशनल विक्टर पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य वीना मिश्रा ने बताया कि पिछले दिनों ही हमने माकड्रिल की थी। मेल की जानकारी के बाद 27 मिनट में ही स्कूल खाली कर लिया गया। सुबह छह बजे के आसपास ई-मेल मिला था, जो कि स्पैम फोल्डर में आया था।
आठ बजे के आसपास ये ई-मेल देखा गया तो तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचित किया। सीबीएसई ने भी बम की धमकी वाली ई-मेल, निकासी प्लान और बच्चों की संख्या की जानकारी मांगी थी जो कि उन्हें दे दी थी। माउंट आबू पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य ज्योति अरोड़ा ने कहा कि स्कूल में समय-समय पर माकड्रिल करते हैं।
स्कूल की आपदा प्रबंधन समिति समय-समय पर अभ्याय करती रहती है। मेल मिलते ही नजदीकी थाने में जानकारी दी गई थी और स्कूल को समय रहते खाली करा लिया। इससे भगदड़ की स्थिति नहीं रही।
आइटीएल पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य सुधा आचार्या ने कहा, माक ड्रिल करते रहते हैं। हमारे स्कूल में आपदा प्रबंधन कमेटी का आपातकालीन परिस्थिति में स्कूल को पूरा खाली करने को लेकर प्लान है। इसका अभ्यास भी होता रहता है। इसी के तहत हमने आज स्कूल खाली कराया था।
अलर्ट करने के लिए स्कूलों में लगे हैं हूटर
स्कूलों में हूटर भी लगे हैं ताकि स्कूल में मौजूद सभी लोग अलर्ट हो जाएं। आपदा के वक्त सारी प्रक्रियाएं की गईं और आसानी से स्कूल खाली करा लिया गया।
एनके बगरोडिया पब्लिक स्कूल की प्रधानाचार्य प्रशांत पाराशर ने कहा, हमारे यहां कोई मेल नहीं आया था। लेकिन, दिल्ली पुलिस के आग्रह के बाद स्कूल को खाली करा लिया गया और बच्चों को घर भेज दिया गया। आपदा प्रबंधन को लेकर हमने मानक बनाए हैं, जिनका निरंतर अभ्यास किया जाता है।
पहले ही पुलिस से संपर्क करने की दी थी हिदायत
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एक्शन कमेटी के अध्यक्ष भरत अरोड़ा ने कहा, द्वारका के स्कूलों में सुबह साढ़े पांच बजे बम की धमकी भरा ई-मेल आया था। रोहिणी स्थित स्कूलों में सुबह साढ़े सात से आठ बजे और पूर्वी दिल्ली में साढ़े आठ से नौ बजे के बीच में ई-मेल आया था। हमने सभी स्कूलों को सूचित कर दिया था कि इस तरह के मेल आए तो अपने नजदीकी पुलिस थाने से संपर्क करें। सभी स्कूलों ने एहतियात बरते हैं।
बम की झूठी धमकियां पहले से आती रही हैं। इससे स्कूल अलर्ट हो गए हैं। इसका लाभ आज के घटनाक्रम में देखने को मिला। सूचना मिलते ही सभी ने पहले पुलिस को सूचित किया और समय रहते ही स्कूल खाली करा लिए गए। पहले की घटनाओं में स्कूल की ओर से सूचना देने में देरी देखी गई थी।
हालांकि यह मामला पूरी तरह से पुलिस सुरक्षा से जुड़ा है। पुलिस को चाहिए कि ऐसे फेक आइपी एड्रेस को ढूंढें और उन पर कड़ी कार्रवाई करें। ताकि ऐसे मेल आने से पहले ही इनको रोका जा सका। आज राजधानी के स्कूल, शिक्षक, बच्चे और अभिभावक जितना दहशत में रहे हैं, वैसा दोबारा न हो।
अपराजिता गौतम, अध्यक्ष, अभिभावक एसोसिएशन
शिक्षा निदेशालय की ओर से 17 अप्रैल को जारी दिशा-निर्देश
- घुसपैठियों को स्कूल परिसर में घुसने से रोकने के लिए स्कूल में फेंसिंग की जाए।
- ऐसी अनावश्यक वस्तुओं को स्कूल से हटाए जहां बम को छिपाने की आशंका हो सकती है।
- स्कूल में प्रवेश व निकास के अलग द्वार हो। ऐसे क्षेत्रों की पहचान की जाए जहां पर रोशनी कम हो।
- स्कूल परिसर व आसपास के क्षेत्र की निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाया जाएं। सभी स्कूलों में केंद्रीकृत अलार्म प्रणाली की स्थापना की जाए।
- प्रधानाचार्यों के पास स्कूल परिसर का लेआउट तैयार स्थिति में हो ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में इसे पुलिस अधिकारियों, अग्निशमन विभाग, एनडीआरएफ और अन्य बचाव टीमों के साथ साझा किया जाना सके।
- स्कूल के आसपास एक ऐसे स्थान की पहचान कर रखना जहां जरूरत पड़ने पर विद्यार्थियों को सुरक्षित और शीघ्रता से पहुंचाया जा सके।
NEWS SOURCE : jagran