नई दिल्ली: अगर बाइक से निकले हैं और आपके पास हेलमेट नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आपकी समस्या के समाधान के लिए अब हेलमेट बैंक खुल गया है। यहां से कोई भी दोपहिया वाहन चालक पहचान पत्र दिखाकर, मोबाइल नंबर और वाहन नंबर लिखवाकर बिना कोई शुल्क दिए आइएसआइ मार्क हेलमेट ले जा सकता है और 24 घंटे के अंदर हेलमेट वापस कर सकता है।
सुबह 8 से रात 8 बजे तक मिलेगी यह सुविधा
फिलहाल, यह सुविधा पीतमपुरा के मधुबन चौक पर मिल रही है। इसकी शुरुआत दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल संदीप शाही ने किया है। दिल्ली में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं से चिंतित शाही ने इसे स्थापित किया है और यह सुविधा सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक मिलेगी। हेलमेट बैंक बनाने का मकसद दोपहिया वाहन चालकों को सुरक्षित करने की अलग पहल है।
सड़क सुरक्षा में सराहनीय कार्य करने के लिए दिल्ली के पुलिस आयुक्त की ओर से सम्मानित संदीप शाही ने समय-समय पर इनाम के रूप में मिली राशि का उपयोग इस हेलमेट बैंक को खोलने में किया है। संदीप अब दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में तैनात हैं।
वे सात वर्षों से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं। वे जन्मदिन, शादी की सालगिरह, रक्षाबंधन और खुशियों के मौके पर वेतन से बचत कर बिना हेलमेट वाले दोपहिया चालकों को हेलमेट पहनाकर जागरूक करते हैं। वे 2400 हेलमेट बांट चुके हैं।
ऐसे आया हेलमेट बैंक खोलने का आइडिया
हेड कांस्टेबल संदीप शाही को हेलमेट बैंक खोलने का आइडिया उस समय आया जब एक बार मेट्रो से सफर के बाद उन्हें अपने संबंधी के साथ मोटरसाइकिल से आगे की यात्रा करनी थी और उनके पास हेलमेट नहीं था। तभी उन्होंने सोच लिया था कि इसको लेकर कुछ पहल करेंगे और अंतत: हेलमेट बैंक खोल दिया। संदीप शाही का कहना है कि कई बार लोगों को किसी के साथ जाने या रास्ते में किसी जानकार दोपहिया वाहन चालक के साथ सफर करने के लिए एक दो घंटे के लिए हेलमेट की आवश्यकता होती है। ऐसे में इंसान एक-दो घंटे के लिए हजार रुपये का हेलमेट नहीं लेता है और बिना हेलमेट ही अपनी यात्रा करता है, जिससे उसकी जान खतरे में पड़ जाती है। यही सोचकर इस हेलमेट बैंक को बनाया गया है, जिससे ऐसे लोग बिना हेलमेट न चलें।
NEWS SOURCE : jagran