पानीपत: लोगों को इलेक्ट्रिक बस (Electric Buses) की सवारी खूब पसंद आ रही है। पानीपत में चल रही पांच इलेक्ट्रिक बसों में रोजाना साढ़े छह से सात हजार लोग सफर कर रहे हैं। इलेक्ट्रिक बसों के आए अच्छे रिस्पोंस को देखते हुए पानीपत डिपो में आचार संहिता के बाद 45 नई बसें शामिल होंगी। फिलहाल जो बसें अब चल रही हैं वह पानीपत के नए बस अड्डे से लेकर टोल प्लाजा तक का सफर तय करती हैं। इन बसों की शुरूआत 28 जनवरी 2024 से शुरू की गई थी। ज्यादा से ज्यादा यात्री इस बस में सफर करना पसंद कर रहे हैं। दो माह में इन बसों से पानीपत डिपो को करीब 40 लाख रुपये का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है।
पुराना बस स्टैंड होगा सिटी बस सर्विस का ठिकाना
इलेक्ट्रिक सिटी बस सर्विस का स्थाई ठिकाना पुराना बस स्टैंड होगा। यहां पर चार्जिंग स्टेशन तैयार किया जा रहा है। करीब सात करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाला यह अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन होगा और यहां स्टैंड भी। जहां से लोग इन बसों में सवार होंगे। अप्रैल में इस चार्जिंग स्टेशन के लिए निर्माण के लिए टेंडर किया गया था। डेडलाइन के मुताबिक अगस्त माह के पहले सप्ताह तक इसको तैयार कर लिया जाएगा।
40 किलोमीटर के दायरे में दौड़ेंगी बसें
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने के बाद इनको 40 किलोमीटर के दायरे में चलाया जाएगा। यानि पानीपत से समालखा, इसराना, मतलौडा व गोहाना तक भी इन बसों में यात्री सफर कर सकेंगे।
जानिये क्यों इन बसों में यात्रा करना पसंद कर रहे लोग?
सुरक्षित है सफर
इन बसों की स्पीड लिमिट तय की गई है। 50 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से ज्यादा दौड़ाई तो इसका मैसेज कंट्रोल रूम में आ जाता है, तेज दौड़ाई तो चालक को जवाब देना होगा।
पूरी यात्रा पर कैमरे की नजर
इलेक्ट्रिक बस में सात सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बसों में अक्सर धक्का-मुक्की होती है, या फिर चोरी या स्नेचिंग की घटनाएं देखने को मिलती हैं, लेकिन इन बसों में सीसीटीवी की निगरानी रहती है।
किफायती है किराया
अत्याधुनिक सुविधा से लैस इलेक्ट्रिक बसों का किराया भी साधारण ही है। सामान्य बसों की तरह इन बसों में भी किराया उतना ही रखा गया है। लेकिन इसमें स्टाफ मैंबर या पास होल्डर को यात्रा की अनुमति नहीं है।
आटो चालकों की मनमानी पर लगेगा अंकुश
बसों की संख्या बढ़ने के बाद आटो चालकों की मनमर्जी पर अंकुश लगेगा। रात के समय जब बसों की संख्या कम हो जाती है तो आटो चालक लोगों से मनमर्जी से किराया वसूलते हैं। बसों की संख्या बढ़ने से समय पर बस मिलेगी। इससे आटो चालकों की मनमर्जी पर अंकुश लगेगा।
जाम से मिलेगी मुक्ति, प्रदूषण भी कम होगा
इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने के बाद लोग अपनी निजी कार का प्रयोग कम, इन बसों में सफर करेंगे। इससे प्रदूषण तो कम होगा ही इसके साथ ही शहर के लोगों को जाम से भी मुक्ति भी मिलेगी। इलेक्ट्रिक बसों को सिटी सर्विस के तौर पर चलाया जा रहा है। इन बसों में रोजाना साढ़े छह से सात हजार यात्री सफर कर रहे हैं। प्रतिमाह लगभग 20 लाख रुपये का रेवेन्यू आ रहा है। लोगों को सुगम व सुरक्षित सफर देने का प्रयास किया जा रहा है। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। -कुलदीप जांगड़ा, जीएम रोडवेज, हरियाणा राज्य परिवहन पानीपत।
NEWS SOURCE : jagran