दिल्ली: सूर्य की तपिश चुनाव आयोग व राजनीतिक दलों दोनों की परीक्षा लेगी। दिल्ली में मतदान के दिन लू चलने की संभावना व मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट जारी किए जाने से चुनाव आयोग की चिंता भी बढ़ गई है। दरअसल, आयोग के सामने मतदान बढ़ाने की चुनौती है। वहीं राजनीतिक दलों के सामने भी मतदाताओं को वोट देने के लिए घर से निकालने की चुनौती होगी।
लू से बचाव के लिए जारी
चुनाव आयोग मतदाताओं को लू का डर मन से निकालकर मतदान के लिए प्रेरित करने में जुटा हुआ है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय का कहना है कि नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली छावनी बोर्ड, दिल्ली जल बोर्ड व जिला प्रशासन को मतदान केंद्रों पर लू से बचाव के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
सीईओ कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लू को लेकर नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली छावनी बोर्ड, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस), दिल्ली जल बोर्ड, महिला व बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग इत्यादि विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की गई थी। सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई हैं।
दिल्ली में 2627 जगहों पर 13,637 मतदान केंद्र हैं। सभी मतदान केंद्रों पर शेड, कूलर, मिस्ट फैन व वाटर कूलर की सुविधा होगी। जल बोर्ड पेयजल की व्यवस्था करेगा और सभी जोन में चुनावी ड्यूटी के लिए पानी का एक टैंकर तैनात करेगा। सभी मतदान लोकेशन पर प्रतीक्षा कक्ष की व्यवस्था होगी। ओआरएस की व्यवस्था रहेगी, ताकि किसी को लू जैसा महसूस होने पर ओआरएस का घोल दिया जा सके।
यह है चिंता का कारण
यह देखा गया है कि गर्मी में दिल्ली में चुनाव होने पर मतदान कम होता है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में दस अप्रैल को चुनाव हुआ था। उस वक्त तापमान 33 डिग्री सेल्सियस था और तब दिल्ली में 65.10 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद वर्ष 2019 में पिछला लोकसभा चुनाव 12 मई को हुआ था।
उस दिन तापमान 39 डिग्री सेल्सियस था। तब दिल्ली में पिछले चुनाव के मुकाबले साढ़े चार प्रतिशत कम 60.6 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके पहले भी जब भी मई में चुनाव हुए तब मतदान का प्रतिशत कम रहा था। इस बार पारा 46 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जाहिर की जा रही है।
NEWS SOURCE : jagran