नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने मेडिकल, डेटल, आयुष और नर्सिंग बैचलर डिग्री कोर्सेस (MBBS, BDS, BAMS, BHMS, BSMS, BSc नर्सिंग) में दाखिले के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यूजी (NEET UG) 2024 के नतीजे मंगलवार, 4 जून को घोषित किए। इस परीक्षा में सम्मिलित हुए 23 लाख छात्र-छात्राओं में से 13 लाख को उत्तीर्ण घोषित किए गया है। इन स्टूडेंट्स के दाखिले के लिए मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) द्वारा काउंसलिंग का आयोजन जल्द ही किया जाएगा। इस बीच मेडिकल में करियर बनाने जा रहे स्टूडेंट्स यहां जान सकते हैं कि वे आगे चलकर किन-किन क्षेत्रों में वे स्पेशलिस्ट डॉक्टर बन सकते हैं।
Types of Medical Specialist Doctors: इन क्षेत्रों में बन सकते हैं स्पेशलिस्ट डॉक्टर
NEET UG में सफल स्टूडेंट्स यदि मेडिकल यानी MBBS में दाखिला लेते हैं तो वे इसे पूरा करने के बाद मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) से पंजीकरण कराकर वे जनरल फिजिशियन के तौर पर प्रैक्टिस कर सकेंगे। हालांकि, यदि किसी विशेष बीमारी या अंग के स्पेशलिस्ट के तौर पर प्रैक्टिस करनी हो तो उसके लिए स्टूडेंट्स को पीजी स्तर पर सम्बन्धित डिग्री या पीजी डिप्लोमा कोर्स करना होगा। आमतौर पर इन क्षेत्रों में स्पेशलिस्ट डॉक्टर के तौर पर स्टूडेंट्स मेडिकल में करियर बना सकते हैं:-
- ईएनटी स्पेशलिस्ट – कान, नाक और गले से सम्बन्धित रोगों के लिए ENT Specialist होते हैं।
- नेफ्रोलॉजिस्ट – किडनी से सम्बन्धित बीमारियों का इलाज करने वाले डॉक्टर को नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) कहा जाता है, जो कि किडनी स्टोन, यूटीआइ, आदि समस्यायों देखते हैं।
- न्यूरोलॉजिस्ट – मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी से लेकर, नसों की बीमारियों के लिए न्यूरोलॉजिस्ट (Neurologist) के तौर पर प्रैक्टिस की जा सकती है। माइग्रेन, अल्जाइमर, ब्रेन स्ट्रोक, आदि के लिए रोगी न्यूरोलॉजिस्ट से ही मिलते हैं।
- ऑन्कोलॉजिस्ट – कैंसर और इससे सम्बन्धित रोगों के इलाज के लिए ऑन्कोलॉजिस्ट (Oncologist) के तौर पर प्रैक्टिस कर सकते हैं।
- गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट – छोटी आंत, पित्ताशय, आदि समेत पेट या पाचन तंत्र के रोगों के उपचार के लिए गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट (Gastroenterologist) की मदद ली जाती है।
- स्त्री रोग विशेषज्ञ – महिलाओं में पीरियड, पीसीओडी, ब्रेस्ट, इंफर्टीलिटी, प्रेगनेंसी, डिलिवरी, आदि के लिए महिला स्पेशलिस्ट डॉक्टर होती हैं, इन्हें गाइनीकॉलोजिस्ट (Gynecologist) कहा जाता है।
- कार्डियोलॉजिस्ट – हृदय से सम्बन्धित रोगों का इलाज कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) ही करते हैं, जिनकी मदद अनियमित हार्ट बीट, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट अटैक, आदि मामलों में ली जाती है।
- एंडोक्रीनोलॉजिस्ट – शरीर में हार्मोंस की गड़बड़ी के कई बिमारियां हो जाती है, जिनमें थायराइड, मधुमेह, शरीर का विकास, आदि शामिल हैं। इन सभी के लिए एंडोक्रीनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) की सलाह ली जाती है।
- ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट – आँखों से सम्बन्धित बीमारियों के लिए नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह ली जाती है, जिन्हें ऑप्थाल्मोलॉजिस्ट (Opthalmologist) कहा जाता है।
- साइकियाट्रिस्ट – मानसिक बीमारियों के उपचार के लिए मनोरोग विशेषज्ञ की सलाह दी जाती है जिन्हें साइकियाट्रिस्ट कहा जाता है।
NEWS SOURCE : jagran