भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना यूं नहीं करना पड़ता अगर उसके कई बड़े नेताओं के किले न ढहते। जी हां, भाजपा के कई केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री और कद्दावर विधायकों को उनके ही गढ़ में विधानसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे दो दर्जनों से अधिक विधायक हैं जो पार्टी को अपने क्षेत्र में नहीं जिता पाए।
नतीजा यह रहा है कि 80 में से 76 लोकसभा सीटों में पड़ने वाली 375 विधानसभा सीटों के अभी तक उपलब्ध आंकड़ों में समाजवादी पार्टी को लगभग 188 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है जबकि भारतीय जनता पार्टी लगभग 156 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर फिसल गई है। वहीं कांग्रेस को 22, रालोद को आठ और आजाद समाज पार्टी को पांच पर बढ़त मिली है। इसे विधानसभा चुनाव 2022 से नजरिये से देखें तो सपा को 63 से ज्यादा सीटों का फायदा है जबकि भाजपा को 100 सीटों का नुकसान होता नज़र आ रहा है। वहीं कांग्रेस को 20 से ज्यादा विधानसभा सीटों का लाभ हुआ है। चुनाव आयोग ने अभी तक कन्नौज, खीरी, धौरहरा और शाहजहांपुर लोकसभा के विधानसभावार आंकड़े जारी नहीं किए हैं।
आयोग ने सभी 80 लोकसभा सीटों के परिणाम घोषित कर दिए हैं। जिलों में लोकसभा के अधीन आने वाली विधानसभा सीटों के आंकड़े फीड किए जा रहे हैं। अब तक 76 लोकसभा सीटों पर विधानसभावार आंकड़े हासिल हुए हैं। इनकी समीक्षा में साफ है कि कई बड़े नेताओं को भी उनकी विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा है। मसलन, मैनपुरी में सपा मुखिया अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव से मोर्चा ले रहे पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह अपनी ही विधानसभा सीट मैनपुरी में हार गए। भाजपा को यहां सभी पांच विधानसभा सीटों पर हार मिली।
परिवहन मंत्री के किले में सपा का परचम
बलिया में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर वहां की सभी विधानसभा सीटों पर हार गए। बलिया से परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह परिवहन मंत्री हैं लेकिन वह पार्टी को जीत नहीं दिला सके। इसी तरह बरेली लोकसभा सीट की आंवला विधानसभा सीट पर पशुधन विकास मंत्री धर्मपाल सिंह 8 हजार वोट से ज्यादा से हार गए हैं।
साध्वी निरंजन के गढ़ में सपा ने जीतीं चार सीटें
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के जिले फतेहपुर में सपा को फतेहपुर, जहानाबाद, बिंदकी व हुसैनगंज में सपा को बढ़त मिली है, जबकि सिर्फ एक सीट अयाहशाह पर भाजपा को बढ़त है। इसी तरह केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पाण्डेय को चंदौली में चार विधानसभा सीटों मुगलसराय, सैयदराजा, अजगरा, सकलडीह में हार का सामना करना पड़ा जबिक सिर्फ एक सीट शिवपुर में ही भाजपा जीत पाई।
भानु प्रताप व संजय निषाद के गढ़ में भी हारे
इसी तरह जालौन से केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा अपने क्षेत्र में चार सीटों पर भाजपा को जीत नहीं दिला सके। सपा को यहां उरई, माद्योगढ़, कालपी व भोगनीपुर विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है जबकि भाजपा गरौठा सीट पर बमुश्किल बढ़त हासिल कर सकी। इसी तरह निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद संतकबीरनगर में अपने बेटे प्रवीण निषाद को जीत नहीं दिला सके। संतकबीरनगर की पांच लोकसभा सीटों में से तीन पर सपा ने बढ़त हासिल की है।
मुख्यमंत्री योगी के गढ़ में भाजपा की क्लीनस्वीप
गोरखपुर में हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने क्लीनस्वीप की है। गोरखपुर सीट पर भाजपा को सभी पांच विधानसभाओं में जीत हासिल हुई है लेकिन वर्ष 2022 के बीते विधानसभा चुनावों से तुलना करें तो भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कुल 34 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी। इस बार भाजपा व सहयोगियों को 24 सीटें मिली हैं यानी 10 सीटों का नुकसान हुआ है। वहीं सपा को 14 विधानसभा सीटों पर बढ़त मिली है। सपा को बीते चुनावों की तुलना में 9 सीटों पर फायदा हुआ है। वहीं कांग्रेस को 3 सीट पर बढ़त मिली है, उसे 2 सीटों पर बढ़त का फायदा है।
NEWS SOURCE : livehindustan