दिल्ली में जल संकट को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची अरविंद केजरीवाल सरकार को बुधवार को अदालत के कड़े सवालों का सामना करना पड़ा। पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर फटकार लगाते हुए कोर्ट ने पूछा कि आखिर सरकार ने इन्हें रोकने के लिए क्या ऐक्शन लिया है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि टैंकर माफिया पर यदि सरकार ऐक्शन नहीं ले रही है तो दिल्ली पुलिस को इसके लिए आदेश दिया जाएगा। पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए, यह बताते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा गया है।
भीषण गर्मी के बीच राजधानी दिल्ली में लाखों लोग जल संकट का सामना कर रहे हैं। पड़ोसी राज्यों से अधिक पानी दिलाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हिमाचल और हरियाणा को दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी भेजने का आदेश दे चुकी अदालत ने बुधवार को दिल्ली सरकार से पानी की बर्बादी और टैंकर माफिया को लेकर सवाल पूछे।
जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और प्रसन्ना बी वराले ने दिल्ली सरकार से कहा कि यदि आप टैंकर माफिया से नहीं निपट सकते हैं तो हम दिल्ली पुलिस से इस मामले में ऐक्शन लेने के लिए कहेंगे। कोर्ट ने कहा, ‘इस अदालत में झूठे बयान क्यों दिए गए। पानी हिमाचल प्रदेश से आ रहा है दिल्ली में कहां जा रहा है? बहुत ज्यादा लीकेज, टैंकर माफिया आदि है… आपने इसको लेकर क्या किया है।’
कोर्ट ने कहा, ‘लोग परेशान हैं। हम हर न्यूज चैनल पर विजुअल देख रहे हैं। यदि गर्मियों में बार-बार पानी की समस्या होती है तो आपने बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाए।’ दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वीकल शादान फरासत ने कहा कि ऐक्शन लिया गया है। बड़ी संख्या में आपूर्ति को कटा गया है ताकि अतिरिक्त पानी की बर्बादी रुके। सर्वोच्च अदालत ने दिल्ली सरकार को इस पर रिपोर्ट पेश करने को कहा कि पानी की बर्बादी रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए। मामले की आगे की सुनवाई गुरुवार को होगी।
कर्ट ने कहा कि यदि अतिरिक्त पानी दिल्ली को मिला पर लीकेज चलता रहा तो नागरिकों को कोई फायदा नहीं होगा। कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को भी अवमानना कार्रवाई की चेतावनी दी क्योंकि इसने पाया कि अतिरिक्त 137 क्यूसेक पानी दिल्ली को आपूर्ति किए जाने के बयान के बावजूद, इसके ताजा हलफनामे में यह नहीं दिखा।