गुरुग्राम: डीएलएफ फेस तीन निवासी एक व्यक्ति के साथ प्लॉट बेचने के नाम पर 84 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। आरोपितों ने डीएलएफ द्वारा आवंटित किए गए प्लॉट को पीड़ित व्यक्ति को बेच दिया और कब्जा भी दे दिया। चारदीवारी बनाने के बाद व्यक्ति को कोर्ट से आए नोटिस में यह जानकारी मिली कि आरोपितों ने पहले ही यह प्लॉट किसी दूसरे को बेच दिया था। पुलिस आयुक्त से शिकायत के बाद बुधवार को थाने में केस दर्ज किया गया।
डीएलएफ ने 1991 में किया था अलाट
डीएलएफ फेस तीन निवासी ईश्वर यादव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उन्होंने दिल्ली के रणजीत नगर निवासी सुदेश खन्ना व उनके बेटे तुषार खन्ना से यह प्लॉट जून 2023 में खरीदा था। तब आरोपितों ने कहा था कि उन्हें यह प्लॉट डीएलएफ ने 1991 में अलाट किया था। इसके कागज इनके पास नहीं थे। क्योंकि प्लॉट खाली था और किसी के नाम पर म्यूटेशन नहीं था तो डीएलएफ से दोबारा इसके कागजात तुषार खन्ना के नाम पर कर दिए गए। ईश्वर ने 2023 में प्लॉट खरीदने से पहले डीएलएफ से भी पूछताछ की और तसल्ली के बाद उन्होंने 84 लाख रुपये में प्लॉट खरीद लिया।
कोर्ट से आया नोटिस
अगस्त 2023 में जब ईश्वर ने प्लॉट पर चारदीवारी बनाई तब कोर्ट से उनके नाम पर नोटिस आया। नोटिस में इस प्लॉट के 1995 में ही राधा बंसल के नाम पर बेचे जाने की जानकारी दी गई। जब इसकी शिकायत करने के बाद ईश्वर सुदेश खन्ना के घर पहुंचे तो पहले से ही वहां पर राधा बसंल और उनके भाई मौजूद मिले। इस पर उन्हें सारी कहानी समझ आ गई। उन्होंने अपने रुपये वापस मांगे तो आरोपितों ने देने से इनकार कर दिए। शिकायत के बाद बुधवार को डीएलएफ फेस तीन थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
NEWS SOURCE : jagran