अक्सर हम कचरे में पड़ी बोतलों को देखकर आगे बढ़ जाते हैं। लेकिन आज हम आपको ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने सड़क किनारे पड़ी कचरे की इन बोतलों को इग्नोर नहीं किया बल्कि उन्हें यूज करके जबरदस्त आइडिया आया अब वह सालाना लाखों रुपये कमा रही है। दिव्या जैन ने बताया कि एक साल पहले उन्होंने कंपनी सेक्रेटरी (CS) का एग्जाम क्रैक किया था। मैंने इस परीक्षा के लिए बहुत मेहनत की थी लेकिन कुछ महीने इंटर्नशिप करने के बाद ही मुझे ऐसा लगा कि मेरा पैशन पेंटिंग और डेकोरेशन है। इसी में मुझे अपना करियर बनाना चाहिए।
सड़क किनारे पड़ी बोतल देखकर आया आइडिया
दिव्या बताती हैं कि कहीं भी कुछ फालतू बोतल पड़ी दिखती थी तो मुझे लगता था कि इस बोतल को मैं पेंटिंग और सजावट से शानदार और खूबसूरत बना सकती हूं। फिर इसे घर के शोपीस के तौर पर या फिर इस पर कुछ सामान रखकर यूटिलाइज कर सकती हूं। हैंड प्रिंटिंग और नेचुरल मटेरियल सजावट से यह बोतल और भी शानदार दिखने लगती है।
एक साल पहले शुरू किया काम
आगे बताया 1 साल से मैं इन बोतल से शोपीस बनाने का काम कर रही हूं। इसके लिए मैं कई तरह के कलर पेंटिंग का इस्तेमाल करती हूं। इसके अलावा, बोतल को सजाने के लिए मोती, स्मॉल मिरर लाइट बल्ब, मिनी बल्ब, कलरफुल बल्ब जैसी चीजों का इस्तेमाल करती हूं, जिससे यह दिखने में काफी सुंदर व शानदार लगती है। पेंटिंग में हर तरह की फोटोज और फ्लावर बनाती हूं।
सास का रहा अहम योगदान
दिव्या बताती हैं कि मेरी सफलता में मेरी सास का अहम योगदान है। मैं अपने कामों में बहुत बिजी रहती थी तो सास ही पूरा घर संभालती थी। सिर्फ घर ही नहीं, बल्कि मेरे पति की भी पूरी देखभाल करती थीं। सास-ससुर और पति तीनों का बहुत साथ मिला। तभी आज अपने मनपसंद प्रोफेशन को चुनकर काम कर पा रही हूं।
हर महीने कर रही मोटी कमाई
आगे बताया कि मेरे पास बोतल 300 रुपए से शुरू हो जाती है। आप चाहें तो अपने अनुसार कस्टमाइज और डिजाइन भी करवा सकते हैं। साथ ही, आप फोन करके 9958021168 आर्डर भी कर सकते हैं। आज बेंगलुरु से दिल्ली तक के लोग मुझे ऑर्डर देते हैं। ऐसे में हर महीने 40-50 हजार तक की आमदनी हो जाती है।
मेडिटेशन से मिलती है शांति
दिव्या का कहना है कि वह रोजाना मेडिटेशन करती हैं। इससे दिमाग को बहुत शांति मिलती है। शांति के लिए ही मैंने कंपनी सेक्रेटरी की जॉब छोड़ी, क्योंकि मुझे आपाधापी वाली जिंदगी नहीं चाहिए थी। बल्कि, मुनाफा कम हो पर अपने घर पर रहकर परिवार वालों के बीच शांति से रह पाऊं। मुझे ऐसी जिंदगी चाहिए थी। मेडिटेशन से शांति ही नहीं, बल्कि अच्छे आइडिया भी दिमाग में आने लगे और चीजें होती चली गईं।
NEWS SOURCE : chopaltv