नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में बीते वर्ष की तरह वर्षा हुई तो हालात पिछले वर्ष से भी ज्यादा खराब हो सकते हैं, क्योंकि नालों की सफाई करने के लिए तय हुई दो समय-सीमा पार होने के बाद भी निगम को शत प्रतिशत कामयाबी अभी तक नहीं मिली है।
पहले 31 मई और फिर 15 जून तक होनी थी सफाई
राजधानी में निगम के 713 नालों में से सिर्फ 259 नाले ही पूरी तरह साफ हो पाए हैं। एमसीडी की लापरवाही का आलम यह है दिल्ली के बड़े नालों में शुमार तैमुर नगर से लेकर कल्याण पुरी से नालों में जमी गाद को आसानी से देखा जाता है। जबकि इन नालों को पहले 31 मई और फिर 15 जून तक साफ होना था।दो समय-सीमा पूरी होने के बाद भी निगम के सिर्फ 92 प्रतिशत नाले साफ हुए हैं। जबकि समय सीमा से तीन दिन अधिक का समय हो गया है।दिल्ली में हर वर्ष नालों की सफाई न होने की वजह से जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है। बीते वर्ष तो यमुना में ज्यादा पानी आने की वजह से कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी। चाहे सिविल लाइंस का इलाका हो या फिर आइटीओ का इलाका हो। मदनपुर खादर इलाके में भी कई दिनों तक पानी जमा रहा था। वजह यह थी कि नालों की सफाई न होेने की वजह से पानी यमुना में नहीं गिरा बल्कि नालों के जरिये ही शहर में आ गया। इसकी वजह से आइटीओ के विकास मार्ग पर पुल पर मध्य दिल्ली और पूर्वी दिल्ली का संपर्क तक टूट गया था। वहीं, दूसरे रिहायशी इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी। विशेषज्ञ फिर से ऐसी ही स्थिति के उत्पन्न होने की आशंका जता रहे हैं क्योंकि मानसून आने में मुश्किल से सिर्फ दस दिन का समय ही बचा है।
ऐसे में नाले की सफाई न होना और उस दौरान गाद निकली पड़ी होने से वर्षा में फिर से यह गाद नालों में जाएगी और राजधानी को जलजमाव का सामना करना पड़ेगा। हालांकि निगम का दावा है कि उसने अभी तक साफ किए गए नालों में से 72412 मीट्रिक टन गाद निकाल दी है। एमसीडी के पास चार फिट से ज्यादा गहरे नालों की सफाई की जिम्मेदारी रहती है।
जलभराव से निपटने के लिए क्यूआरटी करेगी काम: डॉ. शैली ओबेराय
महापौर डॉ. शैली ओबराय ने दावा किया है मानसून में जल भराव से निपटने के लिए तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने कहा कि पिछले एक माह से हम लगातार अधिकारियों के साथ तैयारियों को लेकर बैठक कर रहे हैं। मानसून एक्शन प्लान पहले ही तैयार कर लिया गया था और उसके अनुसार अब सभी ज़ोन में युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है।जल भराव की समस्या से निपटने के लिए ‘क्विक रिपान्स टीम (क्यूआरटी)’का गठन किया गया है। हर जोन के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिसकी ज़िम्मेदारी जोन में जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करना है, निगरानी करना और जलभराव की स्थिति से बचने के लिए अतिरिक्त इंतज़ाम करना होगा। पिछले वर्ष दिल्ली में जिन स्थानों पर जल भराव ज़्यादा हुआ था उन पर विशेष ध्यान दिया जाए।महापौर ने आगे बताया कि सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24 घंटे स्टाफ उपलब्ध रहेगा। निगम के पास कुल स्थायी पंप 70-80 पंप है और अस्थाई पंप 450-500 तक हैं। जो पूरी तरह से तैयार है। साथ ही हमारा सिविक सेंटर मुख्यालय में कंट्रोल रूम बिलकुल तैयार है। सभी ज़ोन में भी कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जो मानसून के दौरान स्थिति की निगरानी करेंगे। इसके अतिरिक्त वार्ड लेवल पर ज़ोनल टीम बनाई गई है जिसमें जेई,सफ़ाई कर्मचारी, नाला बेलदार तथा मेंटेनेंस व डेम्स विभाग के कर्मचारी होंगे।
आप सरकार ने फिर दिल्ली को डुबाने की कर ली है तैयारीः राजा इकबाल सिंह
दिल्ली में नालों की सफाई न होने को लेकर नेता प्रतिपक्ष व पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने निगम की आप सरकार पर दिल्ली को डुबाने की तैयारी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि महापौर लाखों दावे कर लें क्योंकि उनके दावे की कागजी है। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि एमसीडी से लेकर दिल्ली सरकार के नाले साफ ही नहीं हुए हैं।इसके कारण से जब वर्षा होगी तो जलभराव होगा और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। ऐसा प्रतीत होता है कि आप सरकार ने पिछले साल की तरह फिर दिल्ली को डुबाने की तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने नालों की सफाई का लक्ष्य 31 मई रखा था, जब नाले साफ नहीं हो पाए तो इसे बढ़ाकर 15 जून कर दिया गया था।स्थिति इतनी खराब है कि आप सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा पर भी निगम सफाई नहीं कर पाए हैं। महापौर अब दावा कर रही हैं कि वह उच्चस्तरीय बैठक की हैं लेकिन अब तो बात हाथ से निकल चुकी है क्योंकि आने वाले दस दिन में वर्षा होगी तो नाले साफ नहीं हो सकेंगे।
NEWS SOURCE : jagran