चंडीगढ़: हरियाणा में अब पंडित-पुजारियों, पुरोहितों, इमाम-मौलवी, ग्रंथी, भिक्षु, लामा, नन, जैन साधु साध्वियों और पादरियों को वेतन सहित तमाम सुविधाएं मिलेंगी। इसके तहत उन्हें और उनके आश्रितों को न केवल आवास और चिकित्सा लाभ मिलेंगे, बल्कि बच्चों को छात्रवृत्ति, कौशल प्रशिक्षण और अनुदान दिया जाएगा। धार्मिक अनुष्ठान करने वाले सभी म का जीवन स्तर सुधारने के लिए पहली बार हरियाणा में अर्चक, पुजारी एवं अन्य नियुक्त धार्मिक पेशेवर कल्याण बोर्ड गठित किया गया है। इसकी कमान मुख्यमंत्री के हाथ में होगी। कला एवं संस्कृति कार्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वी उमाशंकर ने बोर्ड गठन के आदेश जारी कर दिए हैं। बोर्ड का मुख्यालय चंडीगढ़ या पंचकूला में होगा, जबकि राज्य में कहीं भी कार्यालय स्थापित किए जा सकते हैं।